सुरेश शर्मा जी नमस्कार ९९.९% लोग सहमत ही कहेगे, क्योकि सभी चाहते हे एक एग्रीगेटर हो, ओर महीने के या साल की एक छोटी सी राशि देने पर चुभेगी भी नही, ओर एग्री गेटर बनाने वाले पर बोझ भी नही पडेगा, लेकिन सिक्के का दुसरा हिस्सा भी देखे, जब मुफ़त वाले एग्री गेटर को लोगो ने बाते बना बना कर बंद करने पर मजबूर कर दिया तो , तो जब कोई पैसे देगा तो क्या वो वहां अपनी मन मर्जी नही करेगा ? सारे नही लेकिन हम लोगो के बीच मे ही कुछ ब्लागर हे जो अअनी दादा गिरी दिखते हे, धमकी देते हे, ओर कमियां निकालते हे, अपनी अलग अलग सलाह देते हे, बाकी लोगो को भडकाते हे,इस बारे मैने बहुत सोचा, दोस्तो से सलाह भी की, लेकिन मन नही माना, एग्री गेटर का खर्च ज्यादा नही लेकिन इसे शुरु करने के लिये बहुत समय चाहिये, मुझे तो इस का ज्यादा ग्याण नही, इस लिये मै इसे नही बना सका, वर्ना अब तक तेयार होता, ओर मेरा अपना सर्वर होता, फ़िर इन सब बातो से मै पीछे हट गया, क्योकि एक को खुश करो तो दुसरा नराज होता हे, इस के लिये बहुत हिम्मत चाहिये दिमागी तोर पर, ओर वो ही इस बारे सोचे जिस के पास कोई परेशानी नही.... अगर आप बनाये तो आर्थिक मदद मै करुंगा, लेकिन सोच विचार कर, अगर आप सांपला ब्लाग मिलन पर पहुचे तो वहां भी इस बारे बात हो सकती हे. धन्यवाद
मेरे हिसाब से अगर इससे लिखने वालों को सहयोग मिलता है तो जवाब हाँ में ही है | क्युकी बिखरने से अच्छा है एक जुट होकर फिर से नया आशियाँ बन जाये | हम आपके साथ है |
बस इतना अवश्य कीजियेगा कि एक उदार, बड़े दिल वाला संकलक बनायें जो हर तरह के विचार को जगह दे... जिसका सदस्य बनने से पहले उसके नियमों को मानने की घोषणा करना जरूरी हो... ज्यादा नियम न हीं हो तो बेहतर... कंटेंट के सही-गलत होने का निर्णय पाठक पर ही छोड़ दें , पाठक के पास हमेशा एक विकल्प तो है ही उस टैब को बन्द करने का ... स्वचालित हो यह... तथा इलेक्ट्रानिक तरीके से पैसा भेजते ही एक की-वर्ड मिले जिसके जरिये निश्चित अवधि के लिये किसी ब्लॉग को शामिल किया जा सके, ऐसा प्रावधान हो...
और हाँ, फार्मेट ब्लॉगवाणी की हूबहू कॉपी ही हो तो बेहतर... ज्यादा लंबी तो नहीं हो गई मेरी विश-लिस्ट... :)
सुरेश जी, क्योंकि मैं हमारीवाणी से जुड़ा हुआ हूँ, इसलिए कुछ बातें बड़ी ज़िम्मेदारी से कह सकता हूँ.
पहली बात तो यह कि स्वत: पोस्ट अपडेट करना किसी भी ब्लॉग संकलक के लिए मुश्किल कार्य है, जैसे जैसे ब्लॉग की संख्या बढती जाएगी, उतना अधिक खर्चा बढ़ता जाएगा. और अगर स्वत: अपडेट वाली प्रक्रिया को हटा दिया जाए तो सर्वर लेकर ब्लॉग संकलक को चलाया जा सकता है.
परन्तु ऑटो अपडेट ना होने से कमेन्ट संकलक पर अपडेट नहीं होंगे.
हमारीवाणी के अभी 2000 सदस्य हैं, इसलिए ऑटो अपडेट में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जैसे ही यह संख्या 10000 पार करेगी, वैसे ही समस्या उत्पन्न होना शुरू हो जाएगी. इसलिए हमारीवाणी पर ऑटो अपडेट नहीं लगाया गया हैं, केवल दिन भर में 5 से 10 बार ही ब्लोग्स को ऑटो अपडेट किया जाता है.
अन्य ब्लॉग संकलकों के बंद होने का एक कारण यह भी हो सकता है.
27 comments:
नि:संदेह आपके तीनों सवालों का जवाब हां ही हो सकता है.
मैं भी सहमत हूं.
सहमत हूं.
सुरेश शर्मा जी नमस्कार ९९.९% लोग सहमत ही कहेगे, क्योकि सभी चाहते हे एक एग्रीगेटर हो, ओर महीने के या साल की एक छोटी सी राशि देने पर चुभेगी भी नही, ओर एग्री गेटर बनाने वाले पर बोझ भी नही पडेगा, लेकिन सिक्के का दुसरा हिस्सा भी देखे, जब मुफ़त वाले एग्री गेटर को लोगो ने बाते बना बना कर बंद करने पर मजबूर कर दिया तो , तो जब कोई पैसे देगा तो क्या वो वहां अपनी मन मर्जी नही करेगा ? सारे नही लेकिन हम लोगो के बीच मे ही कुछ ब्लागर हे जो अअनी दादा गिरी दिखते हे, धमकी देते हे, ओर कमियां निकालते हे, अपनी अलग अलग सलाह देते हे, बाकी लोगो को भडकाते हे,इस बारे मैने बहुत सोचा, दोस्तो से सलाह भी की, लेकिन मन नही माना, एग्री गेटर का खर्च ज्यादा नही लेकिन इसे शुरु करने के लिये बहुत समय चाहिये, मुझे तो इस का ज्यादा ग्याण नही, इस लिये मै इसे नही बना सका, वर्ना अब तक तेयार होता, ओर मेरा अपना सर्वर होता, फ़िर इन सब बातो से मै पीछे हट गया, क्योकि एक को खुश करो तो दुसरा नराज होता हे, इस के लिये बहुत हिम्मत चाहिये दिमागी तोर पर, ओर वो ही इस बारे सोचे जिस के पास कोई परेशानी नही.... अगर आप बनाये तो आर्थिक मदद मै करुंगा, लेकिन सोच विचार कर, अगर आप सांपला ब्लाग मिलन पर पहुचे तो वहां भी इस बारे बात हो सकती हे. धन्यवाद
Achcha Socha hai... Poorn Sahmati
इस मुहिम में मैं भी आपके साथ हूँ!
कमेंट बाक्स में कमेंट के शब्दों का रंग भी बदल दीजिए। दिखाई नहीं दे रहे हैं!
सहमत हूँ !
पूर्ण सहमति .. लेकिन राज भाटिया साहब की बात पर गौर कीजियेगा ..
पहली दफा आपके ब्लॉग पर आया हूँ.
सभी की सहमति से अच्छा लगा.
कोशिश है मैं भी सहमति दूँ.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.आते जाते रहने से
ही विश्वास और सहयोग बढ़ता है.
सहमत हूं आपसे पूरी तरह।बहुत अच्छी पहल होगी ये ब्लाग़ जग़त के लिये।मैं पूरी तरह आपके साथ हूं।
अब कोई फ़र्क नही पडता क्योंकि सब को आदत पड गयी है फिर भी आप कोशिश करना चाहते है जरूर कीजिये मगर भाटिया साहब की बात पर जरूर गौर फ़रमाइयेगा।
मेरे हिसाब से अगर इससे लिखने वालों को सहयोग मिलता है तो जवाब हाँ में ही है | क्युकी बिखरने से अच्छा है एक जुट होकर फिर से नया आशियाँ बन जाये | हम आपके साथ है |
sahmati!!
आपके विचारों से सहमत लेकिन राज भाटिया जी के विचार भी गौर करने लायक हैं।
सादर
आप पोस्ट लिखते है तब हम जैसो की दुकान चलती है इस लिए आपकी पोस्ट की खबर हमने ली है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - सिर्फ़ सरकार ही नहीं लतीफे हम भी सुनाते है - ब्लॉग बुलेटिन
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मेरा जवाब हाँ में है तीनों सवालों पर...
बस इतना अवश्य कीजियेगा कि एक उदार, बड़े दिल वाला संकलक बनायें जो हर तरह के विचार को जगह दे... जिसका सदस्य बनने से पहले उसके नियमों को मानने की घोषणा करना जरूरी हो... ज्यादा नियम न हीं हो तो बेहतर... कंटेंट के सही-गलत होने का निर्णय पाठक पर ही छोड़ दें , पाठक के पास हमेशा एक विकल्प तो है ही उस टैब को बन्द करने का ... स्वचालित हो यह... तथा इलेक्ट्रानिक तरीके से पैसा भेजते ही एक की-वर्ड मिले जिसके जरिये निश्चित अवधि के लिये किसी ब्लॉग को शामिल किया जा सके, ऐसा प्रावधान हो...
और हाँ, फार्मेट ब्लॉगवाणी की हूबहू कॉपी ही हो तो बेहतर... ज्यादा लंबी तो नहीं हो गई मेरी विश-लिस्ट... :)
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ब्लोगिंग पर टैक्स --बिल्कुल नहीं ।
han
han
han
_________han bhai haaaaaaaaaaaaaan
JAI HIND !
जी हाँ. सहमत.
अभी तो जो है वे भी पाठकों को तरस रहे है फिर भी कोई भी नया एग्रीगेटर आता है तो स्वागत है |
Gyan Darpan
Matrimonial Site
सहमत हूं आपकी बातों से....
भाटिया जी की बातों पर भी गौर करना जरूरी है।
सहमत हैं ।
सुरेश जी, क्योंकि मैं हमारीवाणी से जुड़ा हुआ हूँ, इसलिए कुछ बातें बड़ी ज़िम्मेदारी से कह सकता हूँ.
पहली बात तो यह कि स्वत: पोस्ट अपडेट करना किसी भी ब्लॉग संकलक के लिए मुश्किल कार्य है, जैसे जैसे ब्लॉग की संख्या बढती जाएगी, उतना अधिक खर्चा बढ़ता जाएगा. और अगर स्वत: अपडेट वाली प्रक्रिया को हटा दिया जाए तो सर्वर लेकर ब्लॉग संकलक को चलाया जा सकता है.
परन्तु ऑटो अपडेट ना होने से कमेन्ट संकलक पर अपडेट नहीं होंगे.
हमारीवाणी के अभी 2000 सदस्य हैं, इसलिए ऑटो अपडेट में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जैसे ही यह संख्या 10000 पार करेगी, वैसे ही समस्या उत्पन्न होना शुरू हो जाएगी. इसलिए हमारीवाणी पर ऑटो अपडेट नहीं लगाया गया हैं, केवल दिन भर में 5 से 10 बार ही ब्लोग्स को ऑटो अपडेट किया जाता है.
अन्य ब्लॉग संकलकों के बंद होने का एक कारण यह भी हो सकता है.
हिंदी तथा ब्लॉग जगत के हक में अपनी तरफ से किसी भी तरह की तकनिकी सहायता के लिए मैं हमेशा तैयार हूँ, कभी भी आवश्यकता पड़े तो मुझे याद कर सकते हैं.
मेरा नितांत व्यक्तिगत मत है कि
जब तक ब्लॉगिंग के लिए कोई पैसा नहीं खर्चेगा
तब तक एग्रीगेटर के लिए कोई राशि नहीं खर्चना चाहेगा
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